महेंद्रगढ़ में दौहान नदी को किया जाएगा पुनर्जीवित, भूजल स्तर में होगा सुधार

महेंद्रगढ़

नहर एवं सिंचाई विभाग दौहान नदी को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू की गई दो परियोजनाएं क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों के गिरते भूजल के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। विभाग की ओर से 50 वर्ष से अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही 30 किलोमीटर क्षेत्र में फैली दौहान नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 120 क्यूसिक नहरी पानी छोड़ने की परियोजना तैयार कर ली है। विभाग की ओर से इन दो परियोजनाओं पर कुल 28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दौहान नदी क्षेत्र में पानी पहुंचने से 20 से अधिक गांवों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

यह दो परियोजनाएं होंगी क्षेत्र के लोगों
सिंचाई विभाग की ओर से जवाहरलाल नेहरू नहर (जेएलएन) के एनबी-1 झगड़ोली पंप हाउस से 60 क्यूसिक पानी की क्षमता वाली भूमिगत पाइप लाइन दबाकर गांव माजरा दौहान क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। जुलाई माह में इस परियोजना पर काम शुरू किया गया था जो युद्ध स्तर पर जारी है। 1600 एमएम परिधि वाले सीमेंटेड पाइप की 5.2 किलोमीटर लंबी लाइन से 60 क्यूसिक पानी दौहान क्षेत्र में छोड़ा जा सकेगा। सिंचाई विभाग इस परियोजना पर 13 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इस समय युद्ध स्तर पर इस परियोजना पर काम चल रहा है तथा अंतिम चरण में है।

वहीं दूसरी परियोजना के तहत जेएलएन के एमसी-5 व एनबी-1 पंप हाउसों के बीच से गांव भगड़ाना तक कुल 4.5 किलोमीटर लंबी भूमिगत लाइन दबाकर भगड़ाना गांव के दौहान नदी क्षेत्र में 60 क्यूसिक पानी पहुंचाया जाएगा। इस परियोजना पर सिंचाई विभाग कुल 15 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इस परियोजना के लिए विभाग की ओर से सभी प्रक्रिया पूरी कर एजेंसी को टेंडर अलॉट किया जा चुका है तथा नवंबर माह तक इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

अधिकारी के अनुसार
30 किलोमीटर लंबाई तक फैले दौहान नदी क्षेत्र से गांव डेरोली जाट, देवास, कुकसी, नांगल सिरोही, कौथल कलां, कौथल खुर्द, नानगवास, खातीवास, बेरी, भांडोर ऊंची, जासावास, देवनगर, चितलांग, डुलाना, माजरा खुर्द, माजरा कलां, सिसोठ, भगड़ाना, लावन, झूक, मालड़ा सराय, मालड़ा बास, पाली, जाट, भुरजट, बसई तक 20 से अधिक गांवों के भूजल स्तर में 120 क्यूसिक नहरी पानी रिचार्ज का काम करेगा।

डार्क जोन में शामिल महेंद्रगढ़ क्षेत्र के इन गांवों के लिए यह दोनों परियोजनाएं किसी वरदान से कम नहीं हैं। साथ ही अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही दौहान नदी को भी नया जीवन मिल सकेगा। इस समय जेएलएन को मिलने वाला अतिरिक्त पानी देवास गांव से गुजरने वाले दौहान क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है। जिले के लिए जीवन रेखा कही जाने वाली जेएलएन कैनाल से पानी ओवरफ्लो होकर हर साल किसानों की फसलें बर्बाद हो रही थी लेकिन अब इस पानी से क्षेत्र का भूजल स्तर सुधरेगा। – कंवर सिंह यादव, विधायक महेंद्रगढ़।

सिंचाई विभाग की ओर से दोनों परियोजनाओं को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। एनबी-1 झगड़ोली पंप हाउस से 60 क्यूसिक पानी की क्षमता वाली परियोजना का काम अंतिम चरण में चल रहा है। नवंबर माह तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी। इसके शीघ्र बाद ही नवंबर माह में ही भगड़ाना दौहान क्षेत्र में पानी छोड़ने के लिए 4.5 किलोमीटर लंबी 1600 एमएम परिधि की पाइप लाइन दबाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। – दीपक कुमार, कनिष्ठ अभियंता नहर एवं सिंचाई विभाग महेंद्रगढ़

India Edge News Desk

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